Bhagavad Gita: Chapter <%= chapter %>, Verse <%= verse %>

आदित्यानामहं विष्णुर्ज्योतिषां रविरंशुमान्। मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी।।10.21।।

ādityānām ahaṁ viṣhṇur jyotiṣhāṁ ravir anśhumān marīchir marutām asmi nakṣhatrāṇām ahaṁ śhaśhī

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Word Meanings

ādityānāmamongst the twelve sons of Aditi
ahamI
viṣhṇuḥLord Vishnu
jyotiṣhāmamongst luminous objects
raviḥthe sun
anśhu-mānradiant
marīchiḥMarichi
marutāmof the Maruts
asmi(I) am
nakṣhatrāṇāmamongst the stars
ahamI
śhaśhīthe moon
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अनुवाद

।।10.21।।  मैं अदितिके पुत्रोंमें विष्णु (वामन) और प्रकाशमान वस्तुओंमें किरणोंवाला सूर्य हूँ। मैं मरुतोंका तेज और नक्षत्रोंका अधिपति चन्द्रमा हूँ।

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टीका

।।10.21।। व्याख्या--'आदित्यानामहं विष्णुः'--अदितिके धाता, मित्र आदि जितने पुत्र हैं? उनमें 'विष्णु' अर्थात् वामन मुख्य हैं। भगवान्ने ही वामनरूपसे अवतार लेकर दैत्योंकी सम्पत्तिको दानरूपसे लिया और उसे अदितिके पुत्रों-(देवताओँ-) को दे दिया (टिप्पणी प0 556.2)।

भगवद गीता 10.21 - अध्याय 10 श्लोक 21 हिंदी और अंग्रेजी